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यही कारण है कि पूरे विश्व में कहीं न कहीं दुर्गा सप्तशती का पाठ या चंडी पाठ होता रहता है। मां विंध्यवासिनी के भक्तों के जीवन में जब भी कोई समस्या आती है तो वे शक्ति पीठ विंध्याचल में चंडी पाठ या दुर्गा सप्तशती पाठ का आयोजन करते हैं, जिससे मां विंध्यवासिनी उनके जीवन में खुशियां प्रदान करती रहती हैं।
दुर्गा सप्तशती पाठ या चंडी पाठ बहुत लोकप्रिय है और इसमें शत चंडी या दुर्गा सप्तशती का 100 बार पाठ शामिल है। जो समर्थ भक्त इस प्रकार का आयोजन कर पाते हैं, उन्हें वर्तमान और पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है और उन्हें आगामी जन्मों में भी सुख-सुविधाओं से वंचित नहीं रहना पड़ता।
यदि यह पाठ विंध्याचल जैसे पवित्र एवं पवित्र स्थान पर हो तो इसके आशीर्वाद एवं लाभ की अद्भुत महत्ता की कल्पना ही की जा सकती है। उसी प्रकार शतचंडी पाठ की ऊर्जा अनंत है और जब वह पाठ विंध्याचल में होता है तो उसकी ऊर्जा विंध्याचल की प्रबल ऊर्जा से ऊर्जावान होकर आपके जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाती है।
यदि आप ऐसा कोई आयोजन करना चाहते हैं, तो हमारी टीम दक्षिणा मिलते ही प्रक्रिया शुरू कर देती है। इसे शुरू करने के लिए शुभ आरंभ और समाप्ति समय का चयन करने के लिए आपकी कुंडली भी देखी जाती है ताकि आपको इस पथ से अधिकतम परिणाम प्राप्त हो सकें। शतचंडी पाठ की महिमा अनन्त है, अनेक संतों एवं विद्वानों ने इसकी अनुशंसा एवं प्रशंसा की है। हमारे माध्यम से इसका आयोजन करने से बड़ी-बड़ी कंपनियों और कॉरपोरेट सेक्टर के लोगों को भी फायदा होता है.
जैसे ही आप भुगतान करते हैं, हमारी टीम पाठ शुरू करने के लिए ईमेल या फोन के माध्यम से आपकी कुंडली प्राप्त करके सर्वोत्तम समय की गणना करती है। आपकी जन्म कुंडली के अनुसार ही व्यवस्था की जाती है, जैसे हवन सामग्री, पूजा सामग्री आदि।
यह विशेष पाठ आपके जीवन को पूर्णतः बेहतर बनाने में सक्षम है। पूरा कार्यक्रम समाप्त होने के बाद कार्यक्रम की तस्वीरें और वीडियो भी आपको भेजे जाते हैं, ताकि आप इस शुभ कार्यक्रम की सुखद यादें अपने पास रख सकें।
नोट: मां विंध्यवासिनी मंदिर के संपूर्ण परिसर के जीर्णोद्धार कार्य के कारण यह पूजा मंदिर में नहीं बल्कि आसपास के किसी भी पवित्र स्थान पर की जा सकती है।